Fine Ragistar A Class / फाइन रजिस्टर ए क्लास कैसे भरा जाता हैः-

आज मैं बात करूंगा रजिस्टर ए क्लास की जिसमें प्रायः सभी कर्मचारियों को समस्याएं आती हैं
नियम 578 मध्यप्रदेश नियम एवं आदेश आपराधिक के अनुसार प्रत्येक वर्ष के प्रारंभ में एक नई अर्थदंड पंजी खोली जाती है जिसमें पूर्व की पंजी कि वह समस्त प्रविष्ठियां लाल स्याही से लिखी जाती हैं जो वसूल हो
ना या वितरण होना शेष रह जाती हैं यदि पूर्व वर्ष की पंजी में पर्याप्त कोरे पृष्ठ बचे हो तब उसी पंजी में कुछ पृष्ठ छोड़कर नये वर्ष के लिए प्रारंभ की जा सकती है
जिन राशियों की वसूली होना है उनके लिए विविध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाना चाहिए और उस प्रकरण का क्रमांक इस पंजी के कॉलम नंबर 27 रिमार्क कॉलम में उल्लेख करवाना चाहिए अब आप देखिये इस रजिस्टर में कुल 27 कॉलम होते हैं सब कुछ अग्रेजी में लिखा हुआ होता है और ज्‍यादातर कर्मचारी अंग्रेजी भाषा में पूर्ण नहीं होने से इसे समझ नहीं पाते हैं एक समय खुद मेरी भी यही परेेेेशानी थी
अर्थदंड रजिस्टर ए इस रजिस्टर में प्रत्येक प्रकार का अर्थदंड तथा अर्थदंड के रूप में वसूली योग्य राशि जैसे

धारा 359 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत और असंगेय मामलों में दिलवाया गया खर्चा

धारा 250 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिलवाया गया प्रतिकर,

धारा 357 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिलवाया गया प्रतिकर,

धारा 446दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जमानत एवं बंध पत्र में से जप्त राशि आदि का उल्लेख किया जाता है

उक्त सभी राशियां चाहे वसूल हुई हो या ना हुई हो उनका उल्लेख रजिस्टर में किया जाता है
इस रजिस्टर के कॉलम नंबर 1 में क्रम संख्या कॉलम नंबर 2 में प्रकरण का क्रमांक और उसका वर्ष तथा निराकरण दिनांक
----- कॉलम नंबर 3 में जिस व्यक्ति से अर्थदंड प्रतिकार अर्थ दंड के रूप में वसूली योग्य राशि जमानत एवं बंद पत्र से जप्त राशि वसूल होना है उसका नाम पिता का नाम व पता
------कॉलम नंबर 4 में अर्थदंड की राशि
------कॉलम नंबर 5 में धारा 359 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिलवाई गई राशि तथा वह जिस व्यक्ति को देना है उसका नाम पिता का नाम और पता
------कॉलम नंबर 6 में अर्थ दंड से दिलाए गए प्रतिकार से अतिरिक्त अन्य प्रतिकर जैसे धारा 357 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिलवाया गया प्रतिकर वह जिस व्यक्ति को देना है उसका नाम पिता का नाम और पता
------कलम नंबर 7 में धारा 446 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जप्त राशि का उल्लेख किया जाता है
-------कॉलम नंबर 8 में विधि का नाम और विधि की धारा
हस्ताक्षर करवाए जाते हैं उक्त राशि या वसूल हुई हूं या ना हुई हो दोनों ही दशा में कॉलम नंबर 1 से 9 की प्रविष्टियां जिस दिन यह राशि अधिरोपित की जाती है उसी दिन करना चाहिए
-------कॉलम नंबर 9 में अर्थ दंड मैं  से दिलवाया गया प्रतिकर और वह प्रतिकर जिस व्यक्ति को देना है उसका नाम पिता का नाम और पता लिखते हैं
-------कॉलम नंबर 10 में पीठासीन अधिकारी के लघु हस्ताक्षर करवाए जाते हैं उक्त राशि या वसूल हुई हूं या ना हुई हो दोनों ही दशा में कॉलम नंबर 1 से 9 की प्रविष्टियां जिस दिन यह राशि अधिरोपित की जाती है उसी दिन करना
पंजी के कॉलम नंबर 11 और उसके बाद की प्रविष्टि कॉलम नंबर 14 को छोड़कर तब की जाती है जब यह राशियां वसूल हो जाती हैं पंजी के कॉलम नंबर 11 में अर्थ दंड और जमानत मुचलका जब्ती की राशि और 

-----कॉलम नंबर 12 में प्रतिकर और धारा 315 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिलाई गई राशि और
-----कॉलम नंबर 13 में इन राशियों की वसूली की तारीख का उल्लेख करते हैं

पंजी के कॉलम नंबर 14 में वसूली के लिए जारी प्रोसेस और उसकी तारीख का उल्लेख करते हैं

-----कॉलम नंबर 15 और 16 में कोषालय के जिस शीर्ष में राशि जमा करवा रहे हैं उसका उल्लेख करते हैं पंजी के
-----कॉलम नंबर 18 में चालान क्रमांक और तारीख का उल्लेख करते हैं जिसके द्वारा राशि कोषालय में जमा करवाई गई है


****पंजी के कॉलम नंबर 19 और 20 में अपील या पुनरीक्षण न्यायालय से कम की गई राशि का उल्लेख किया जाता है
****पंजी के कॉलम नंबर 21 से 24 में वितरित की गई राशियों के संबंध में उल्लेख होता है 
****पंजी के कॉलम नंबर 25 में जेल अधिकारी को अर्थदंड वसूली की तारीख की सूचना भेजने का उल्लेख किया जाता है 
****पंजी के कॉलम नंबर 26 में ऐसी राशि जो अब वसूली योग्य ना होना पाई गई है उससे  संबंधी आदेश और आदेश की तारीख का उल्लेख करते हैं
****पंजी के कॉलम नंबर 24 में जिस व्यक्ति को भुगतान किया गया है या जिसे भुगतान वाउचर दिया गया है उसकी रसीद ली जाती है पीठासीन अधिकारी के

नियम 581 मध्यप्रदेश नियम एवं आदेश आपराधिक के तहत ऐसी रसीद के नीचे
कॉलम नंबर 24 में ही प्रमाणीकरण के रूप में हस्ताक्षर भी करवाना चाहिए


   मित्रों यह तो हुआ अर्थदंड

रजिस्टर एक ही बात मेरे ख्याल से अब आप लोग अर्थदंड पंजी को नियमानुसार भर सकते

हैं और इसमें किसी भी प्रकार की समस्या भी नहीं आएगी